5 Essential Elements For Shodashi
Wiki Article
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
It had been listed here far too, that The nice Shankaracharya himself put in the impression of a stone Sri Yantra, perhaps the most sacred geometrical symbols of Shakti. It could still be considered currently from the internal chamber in the temple.
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना click here जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥
श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।